मोतिहारी के टॉप 10 पर्यटक स्थल: चंपारण का प्रसिद्ध पर्यटन स्थल

खबरी हंट में आप सभी का बहुत-बहुत स्वागत है। आज हम आप सभी को रूबरू कराने जा रहे हैं मोतिहारी के टॉप 10 पर्यटक स्थल से। मोतिहारी का पर्यटक स्थल अर्थात चंपारण का प्रसिद्ध पर्यटन स्थल जहां घूमने के लिए आप जा सकते हैं।

मोतिहारी के टॉप 10 पर्यटक स्थल

अपने जीवन काल में हर मनुष्य किसी न किसी पर्यटक स्थल पर घूमना चाहता है, समय व्यतीत करना चाहता है, और अपने भाग दौड़ भरे जिंदगी से कुछ समय निकालकर इंजॉय करना चाहता है। मनुष्य का यह स्वभाव रहा है कि वह किसी ना किसी जगह को देखने की ललक अपने अंदर में रखता है। नए-नए जो जगहों पर घूमना हर व्यक्ति को अच्छा लगता है। हमारे पूर्वजों या पुरातत्व द्वारा बनाए गए किसी न किसी पुराने स्थल को देखने की इच्छा हर आदमी के पास रहती है।

इन्हीं सब बातों का ख्याल रखते हुए आज हमने अपने इस आर्टिकल में मोतिहारी अर्थात पूर्वी चंपारण का प्रसिद्ध पर्यटन स्थल के बारे में बताने वाले हैं। इस आर्टिकल में आप मोतिहारी के टॉप 10 पर्यटक स्थल के बारे में जानकारी प्राप्त करेंगे और प्राप्त जानकारी के अनुसार और लोकेशन के अनुसार आप अपना घूमने का प्लान बना सकते हैं। और इस प्रकार आपको उस जगह पर घूमने में काफी आसानी होगी हमारे इस आर्टिकल को पढ़कर जय।

तो आइए जानते हैं उन 10 पर्यटक स्थलों के बारे में

1. केसरिया बौद्ध स्तूप पूर्वी चंपारण

हमारे मोतिहारी जिले अर्थात पूर्वी चंपारण जिले के पर्यटक स्थलों में केसरिया बौद्ध स्तूप का सबसे महत्वपूर्ण स्थान है क्योंकि यह हमारे बिहार में सबसे पुराना बौद्ध कालीन स्तूप में से एक है। यह विश्व का सबसे ऊंचा उत्खनन स्तूपो में से एक है। इस स्तूप का निर्माण सम्राट अशोक ने करवाया था।

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मोतिहारी के टॉप 10 पर्यटक स्थल

यह बौद्ध स्तूप पूर्वी चंपारण के केसरिया नामक जगह पर स्थित है जो बूढ़ी गंडक नदी के किनारे स्थित है। अगर आप इस पर्यटक स्थल पर घूमना चाहते हैं तो इसके लिए मोतिहारी रेलवे स्टेशन अर्थात बापूधाम रेलवे स्टेशन से जाने का लोकेशन इस प्रकार है

मोतिहारी से किसी भी सवारी गाड़ी द्वारा सबसे पहले चकिया जाना होगा। फिर चकिया से साहेबगंज के लिए बहुत सी सवारी गाड़ी चलती है। कोई भी गाड़ी द्वारा साहेबगंज पहुंचना होगा। फिर साहेबगंज से केसरिया लाल छपरा नामक जगह के लिए ऑटो रिक्शा या रिक्शा के माध्यम से आप बौद्ध स्तूप के पास आसानी से पहुंच जाएंगे।

केसरिया बौद्ध स्तूप का मैप

Kesariya Buddha Stupa https://maps.app.goo.gl/qsFKhFYBxFi9bCv99
मोतिहारी के टॉप 10 पर्यटक स्थल

2. अशोक स्तंभ अरेराज, पूर्वी चंपारण

मोतिहारी के टॉप 10 पर्यटक स्थलों में दूसरे नंबर पर अशोक स्तंभ अरेराज, पूर्वी चंपारण का नाम आता है। यह अशोक स्तंभ अरेराज के पास लौरिया नामक ग्राम में स्थित है जो मोतिहारी पूर्वी चंपारण जिले में पड़ता है। या अशोक स्तंभ 34 टन वजन का बना हुआ है और यह 249 ईसा पूर्व का बना हुआ है। इसकी ऊंचाई 36.5 फुट की है।

मोतिहारी का टॉप 10

इस जगह पर यात्रा करने के लिए बापूधाम रेलवे स्टेशन से अरेराज के लिए अनेकों गाड़ियां मिलती है जिनके द्वारा आप किस स्थान पर पहुंच सकते हैं। फिर अरेराज पहुंच कर आप लौरिया के लिए कोई भी ऑटो रिक्शा या रिक्शा करके अशोक स्तंभ के पास यात्रा कर सकते हैं।

3. सोमेश्वरनाथ शिव मंदिर, अरेराज

पूर्वी चंपारण के अरेराज में स्थित सोमेश्वर नाथ का मंदिर बहुत ही प्रसिद्ध तीर्थ स्थलों में से एक है। हमारे इस हिसाब से यह मोतिहारी के टॉप 10 पर्यटक स्थल में तीसरा स्थान है। अरेराज में स्थित यह मंदिर भगवान शिव जी का भव्य और प्रख्यात मंदिर है जहां पर लाखों श्रद्धालु जलाभिषेक करने हर 1 साल आते रहते हैं।

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मोतिहारी के टॉप 10 पर्यटक स्थल

सावन के महीने में इस मंदिर में इतनी ज्यादा भीड़ रहती है कि देखते ही बनता है। श्रद्धालु भक्तजन पैदल चलकर आते हैं और इस मंदिर में भगवान सोमेश्वर नाथ को जलाभिषेक करते हैं। यहां पर काफी भारी मेला भी लगता है जहां से लोग अनेकों वस्तुओं की खरीदारी करते हैं।

सोमेश्वर नाथ मंदिर की यात्रा करने के लिए बापूधाम रेलवे स्टेशन मोतिहारी से आने जाने का काफी सुविधा है। वहां से अनेकों गाड़ियां अरेराज के लिए चलती है जिसके द्वारा यहां आसानी से पहुंचा जा सकता है।

4. गांधी स्मारक चंद्रहियां, पूर्वी चंपारण

मोतिहारी के टॉप 10 पर्यटक स्थलों के लिस्ट में चौथे नंबर पर गांधी स्मारक चंद्रहीया का नाम आता है। चंद्रहिया में हमारे राष्ट्रपिता बापू महात्मा गांधी का बहुत ही सुंदर स्मारक बनाया गया है जिसे देखने के लिए देश-विदेश से लोग आते हैं।

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गांधी स्मारक स्थल चंद्रहीय मोतिहारी में ही बेलबनवा मोहल्ला में स्थित है। यह बापूधाम रेलवे स्टेशन मोतिहारी के एकदम नजदीक है। यहां से आसानी से इस स्थल पर पहुंचा जा सकता है। इस स्मारक स्थल के चारों ओर बहुत ही खूबसूरत वातावरण और पार्क जैसा बनाया गया है।

5. ऑरवेल हाउस- जॉर्ज ऑरवेल की जन्मस्थली

मोतिहारी के टॉप 10 पर्यटक स्थलों के लिस्ट में 5 नंबर पर जॉर्ज ऑरवेल की जन्मस्थली का नाम आता है। जॉर्ज ऑरवेल का जन्म 25 जून 1903 में पूर्वी चंपारण मोतिहारी जॉर्ज ऑरवेल को अंग्रेजी साहित्य का प्रेमचंद कहा जाता है।

मार्बल हाउस मोतिहारी रेलवे स्टेशन के काफी नजदीक है इसलिए यहां पर जाने के लिए बहुत ही सुविधाजनक सवारियों की व्यवस्था उपलब्ध है।

6. मोती झील, मोतिहारी पूर्वी चंपारण

मोतिहारी के टॉप 10 पर्यटन स्थलों में मोती झील का भी प्रमुख स्थान है क्योंकि यह चंपारण के सभी झीलों में सबसे बड़ा झील है। मोतीझील चंपारण का सबसे सुंदर और आकर्षक झील भी है। इस इसका नजारा सुबह और शाम के समय और भी खूबसूरत हो जाता है जिसके कारण यहां के लोकल लोग सुबह और शाम इस झील के किनारे टहलते हुए और सैर सपाटा करते हुए नजर आते हैं।

इस झील में नौकायन की सुविधा भी उपलब्ध है और आने वाले समय में और भी कई सुविधाओं का तैयारी चल रहा है यहां दूर-दूर से लोग इसका नजारा लेने आते हैं और भ्रमण करते हैं ।यह बापूधाम रेलवे स्टेशन मोतिहारी के काफी करीब है जहां से पैदल भी इस झील के किनारे जाया जा सकता है।

7. मनोकामना माई, पूर्वी चंपारण मोतिहारी

हाल ही में पुर्वी चम्पारण के उभरते हुए पर्यटन स्थलों में एक और नाम जुड़ गया है। उस पर्यटन स्थल का नाम मनोकामना माई है। यह मोतिहारी अर्थात पूर्वी चंपारण जिले के गोढ़ीया हराज नामक ग्राम में स्थित है। इसका स्थान भी अब मोतिहारी के top 10 पर्यटन स्थलों की लिस्ट मे आ गया है।

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इस स्थान का पर्यटन स्थल होने का एक बहुत ही चमत्कारिक गुण है क्योंकि यहां का देवी स्थान हर मनोकामना को पूर्ण करने के नाम से प्रख्यात है। यहां जो व्यक्ति एक बार किसी भी मनोकामना के लिए मनौती मानता है वह मनोकामना 100% पूरा हो जाता है। इसलिए इसकी ख्याति इतनी फैल गई है कि यहां देश-विदेश के लोग भी अपनी मनोकामना की पूर्ति के लिए आते हैं और कुछ ना कुछ दान चढ़ाकर जाते हैं।

जब मनोकामना माई के यहां आकर कोई व्यक्ति कोई मनौती मानता है और जब उसकी मनौती पूरी हो जाती है तब वह व्यक्ति दशहरा के समय लाखों के माला ₹28 की माला मां के गले में अर्पित करता है। दुर्गा पूजा के अवसर पर यहां बहुत भारी मेला लगता है और यहां का सबसे प्रमुख आकर्षण मां दुर्गा की प्रतिमा पर चढ़ाए जाने वाला लाखों लाख रुपए की माला होती है।

इस प्रमुख पर्यटन स्थल की यात्रा करने के लिए बापूधाम रेलवे स्टेशन से मधुबनी घाट, पकरीदयाल होते हुए गोढ़ीया हराज के लिए सवारी गाड़ी उपलब्ध है, जहां आसानी से पहुंचा जा सकता है।

8. शिव मंदिर, मधुबनी घाट मोतिहारी

मोतिहारी के उभरते हुए पर्यटन स्थलों की सूची में एक और नाम जुड़ गया है उस पर्यटन स्थल का नाम है शिव मंदिर मधुबनी घाट मोतिहारी। मधुबनी घाट मोतिहारी में एक बहुत ही खूबसूरत छोटा मगर चमत्कारिक शिव मंदिर है। इस शिव मंदिर में शिवरात्रि एवं सावन के महीने में काफी भीड़ के रूप में लोग जलाभिषेक करते हैं और अपनी मनोकामना की पूर्ति करते हैं। इस शिव मंदिर की मान्यता है कि आप अगर सच्चे दिल से जो भी मनोकामना मांगते हैं उसे भगवान शिव बहुत जल्दी ही पूरा करते हैं।

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मोतिहारी के टॉप 10 पर्यटक स्थल

मधुबनी घाट बूढ़ी गंडक नदी के एकदम पास बसा हुआ एक बहुत ही खूबसूरत गांव है और इस गांव के बीच बाजार में भगवान शिव का मंदिर सुशोभित है जिसकी छटा बहुत ही आकर्षक लगती है और यह मंदिर बहुत ही पुराना है इसलिए इस में स्थापित शिवलिंग बहुत ही चमत्कारिक है और हर व्यक्ति की मनोकामना को पूर्ण करती है।

मान्यता के अनुसार बूढ़ी गंडक नदी का पानी गंगा की नदी में जाकर मिलती है जिसके कारण इसकी पानी को पवित्र माना जाता है और इस पवित्र जल से अगर भगवान शिव को जलाभिषेक किया जाए तो हर मनोकामना की पूर्ति होती है। इसलिए इस शिव मंदिर में लाखों लाख भक्तजन बूढ़ी गंडक नदी से जल भरकर भगवान शिव के शिवलिंग पर अर्पित करते हैं।

इस स्थान पर पहुंचने के लिए बापूधाम रेलवे स्टेशन से छतौनी बस स्टैंड में पहुंचना पड़ता है फिर वहां से अनेकों सांवरिया मधुबनी घाट के लिए जाती है जिसके द्वारा इस स्थान पर आसानी से पहुंचा जा सकता है यह मोतिहारी बापूधाम रेलवे स्टेशन से मात्र 15 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। हमारे हिसाब से मोतिहारी के top 10 पर्यटन स्थलों में इसका भी नाम जोड़ना उचित है।

9. सीताकुंड मेला, पिपरा पूर्वी चंपारण, मोतिहारी

मोतिहारी के टॉप 10 पर्यटन स्थलों में सीता कुंड मेला जो पिपरा नामक जगह पर लगती है, बहुत हीं प्रसिद्ध है। यह सीता कुंड मेला मोतिहारी जिला के पिपरा के पास लगती है जहां पर काफी भीड़ होती है। यह मेला आसपास के क्षेत्रों में काफी प्रसिद्ध है क्योंकि यहां पर बहुत ही पुराना एक कुंड है तथा उसके पास एक प्राचीन मंदिर भी है जिसमें राम सीता और लक्ष्मण जी का मूर्ति स्थापित है।

मान्यता के अनुसार जब भगवान राम, माता सीता से विवाह करके आ रहे थे तो इस स्थान पर उन लोगों ने विश्राम किया था। विश्राम के दौरान माता सीता के स्नान के लिए उन्होंने यहां पर एक कुंड का निर्माण करवाया था और उसी कुंड के कारण इस जगह का नाम सीताकुंड पड़ा। इस कुंड के नीचे पृथ्वी की अथाह गहराई में सात कुंआ है जिसके कारण इस कुंड का पानी कभी भी कम नहीं होता है। इस कुंड में नीचे की सतह से हमेशा पानी आते रहता है।

मान्यता है कि इस कुंड में स्वयं माता गंगा ने आकर जल प्रवाहित की थी ताकि इस जल से भगवान राम और मां सीता स्नान कर सके। सर्वप्रथम माता सीता ने इस जल से शिवलिंग का निर्माण कर पूजा अर्चना की थी। उसी समय समय से अर्थात त्रेता युग से सीता कुंड के पास एक शिवलिंग भी है जो हजारों साल पुराना है जिसका निर्माण स्वयं माता सीता ने की थी।

यहां एक विशेष अवसर पर काफी भीड़ वाला मेला लगता है और इस मेले में अनेकों दुर्लभ वस्तुएं मिलती है जिसे लोग दूर-दूर से आकर खरीदते हैं।

आसपास के क्षेत्रों में इस मेला की सबसे बड़ी प्रसिद्धी, इस मेला में मिलने वाली बहुत बड़े बड़े आकार के बेलों के रूप में जाना जाता है। यहां लोग मेले में आते हैं तो इस मेले में मिलने वाले बड़े बड़े आकार के बेलों को जरूर खरीदते हैं। यहां के बुजुर्गों द्वारा, यहां के लोकल भोजपुरी भाषा में एक कहावत है की “सीता कुंड का बेल हांथे हांथे दूर-दूर तक गेल”

भक्ती रस में डुबोने के लिए गीत भजन की जरूरत होती है और भजन गाने के लिए भजन लिरिक्स की।

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